भारत युवाओं का देश है। भारत
में 61 करोड़ युवा हैं। इसके विपरीत योरोप के सभी देश वृद्धों के देश हैं। भारत
अपनी युवा-शक्ति के बल पर संसार का सबसे विकसित देश बन सकता है।
अधिकतर युवा नौकरियों के लिए भागमभाग में पड़े हुए हैं। आवश्यकता इस बात की है कि
युवा-शक्ति की हताशा और अकर्मण्यता दूर हो। प्रधानमंत्री मन की बात में कह चुके
हैं।
युवा शब्द Ö यु-मिश्रणे-अमिश्रणे धातु से बना हुआ शब्द है जिसका
अर्थ है - जुड़ना और अलग हो जाना। जीवन में अनेक समस्याएँ हो सकती हैं। एक साथ उनका
समाधान नहीं किया जा सकता। पर एक-एक करके सभी समस्याओं का समाधान खोजा जा सकता है।
युवक-युवती एक के साथ जुड़ते हैं और अन्य से अलग हो जाते हैं। इस विधि से सभी
समस्याओं का समाधान खोज लेते हैं।
युवा और सत्कर्म प्रेरित पुत्र हों - यजमान के - ऐसी
भावना वैदिक राष्ट्रगीत में भी व्यक्त हुई है - युवा अस्य वीरो यजमानस्य
जायताम् (यजुर्वेद 22@22½। वेजयशल और रथारोही (जिष्णू रथेष्ठाः) हों - यह
भी कामना की गई हैं। पुरुषार्थियों का देश है - भारत।
युवा] पुरुषार्थ का दूसरा नाम है।
युवा का पर्यायवाची शब्द है -
तरुण। तरुण का अर्थ है - तैरने वाला। जो बड़े से बड़े संकट का सामना करे और उसको धराशयी कर दे] वह तरुण। जिसमें तैरने का सामथ्र्य हो वह तरुण। भवसागर को पार करने की
क्षमता हो वह तरुण।
खेलूँगा मैं तो नाव उफनती लहरों में]
यदि नाव नहीं हुई तो भुजबल से पार कर लूँगा जल की
चुनौतियों को।
यह चाह जागती है तरुण में] युवा में।
वेद का मंत्र है -
अशन्वती रीयते संरभध्वं । उत्तिष्ठत प्रतरत सखायः
।
पथरीली नदी बह रही है - समारम्भ करो। उठो और पार कर
जाओ सखाओ।
जल में तो तरुण तैर लेगा। पर] पथरीली नदी भी उसको रोक नहीं पाएगी। वह उठेगा और अपने जैसे हिम्मत वाले
सखाओं के साथ पार कर जाएगा उसे भी।
वेदमाता की मीठी लोरियाँ सुनते हुए उसे आगे बढ़ना है।
उद्यानं ते नावयानम् अर्थात् हे पुरुष तुझे तो ऊपर ही उठना है - उन्नति ही
करना है। अवनति का मार्ग तेरे लिए नहीं है।
खुली होड़ है तरुणों में - युवाओं में। जीतना ही जीवन का
लक्षण है। हारा सो मारा गया। जयं जयेम त्वा युजा - हे प्रभो ! हम तुम्हारा
सायुज्य प्राप्त कर जीतेंगे।